ATM ट्रांजेक्शन फेल होने पर घबराएं नहीं, RBI के ये नए नियम बनेंगे मददगार
ATM : फेल्ड ट्रांजेक्शन एक ऐसा लेन-देन है जो कस्टमर के कारण या किसी भी कारण से पूरी तरह से कम्पलीट नहीं किया गया है. इसमें कम्यूनिकेशन लिंक का फेल होना, एटीएम में कैश न होना या सेशन का समय से एक्सपायर हो जाना कारण हो सकते हैं.
फेल्ड ट्रांजेक्शन की स्थिति में पैसा अकाउंट में रीस्टोर करने में देरी पर कस्टमर को मुआवजे का प्रावधान है. (रॉयटर्स)
फेल्ड ट्रांजेक्शन की स्थिति में पैसा अकाउंट में रीस्टोर करने में देरी पर कस्टमर को मुआवजे का प्रावधान है. (रॉयटर्स)
आप जब एटीएम (ATM) का इस्तेमाल करते हैं तो कई बार ऐसा होता है कि आपके अकाउंट से पैसा तो कट गया लेकिन एटीएम से निकला नहीं. यानी आपका ट्रांजेक्शन यहां फेल हो गया. आपको बता दें, इससे आपको घबराने की जरूरत नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक कस्टमर्स की इस तरह की परेशानी को ध्यान में रखते हुए हाल में कुछ नए नियम तय किए हैं. ऐसी स्थिति में कस्टमर्स की शिकायतों के निपटारे के लिए टर्नअराउंड टाइम (TAT) का फॉर्मेट तैयार किया और फेल्ड ट्रांजेक्शन की स्थिति में पैसा अकाउंट में रिस्टोर करने में देरी पर कस्टमर को मुआवजे का प्रावधान किया है.
फेल्ड ट्रांजेक्शन एक ऐसा लेन-देन है जो कस्टमर के कारण या किसी भी कारण से पूरी तरह से कम्पलीट नहीं किया गया है. इसमें कम्यूनिकेशन लिंक का फेल होना, एटीएम में कैश न होना या सेशन का समय से एक्सपायर हो जाना कारण हो सकते हैं.
फेल्ड एटीएम ट्रांजेक्शन
आरबीआई के नए डायरेक्शन के मुताबिक, एटीएम ट्रांजेक्शन के मामले में अगर कस्टमर के अकाउंट से पैसा डेबिट किया गया है, लेकिन कैश नहीं निकाला गया है तो उस बैंक या वित्तीय संस्थान को लेन-देन की तारीख (T) से लेकर अगले 5 दिनों के भीतर फेल्ड ट्रांजेक्शन को रीस्टोर करना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें अकाउंट होल्डर के अकाउंट में ट्रांजेक्शन की तारीख और अगले 5 दिनों के बाद होने वाली देरी के लिए 100 रुपये हर रोज मुआवजा देना होगा.
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फेल्ड ट्रांजेक्शन और मुआवजे के ऑटो-रिवर्सल के लिए यह नया सिस्टम माइक्रो-एटीएम में फेल्ड ट्रांजेक्शन पर भी लागू होता है. यह ऐसे कम लागत वाले डिवाइस हैं जो बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के जरिये बेसिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन को सपोर्ट करते हैं.
डेबिट कार्ड से डेबिट कार्ड ट्रांसफर
डेबिट कार्ड से डेबिट कार्ड ट्रांसफर अगर फेल हो जाता है और राशि कस्टमर के कार्ड अकाउंट से डेबिट किया गया है, लेकिन बेनिफिशियरी कार्ड अकाउंट में पैसा क्रेडिट नहीं किया गया है, तो उस बैंक या वित्तीय संस्थानों को ट्रांजेक्शन वाली तारीख और अगले 1 दिन के भीतर ट्रांजेक्शन को रिवर्स करना होगा. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, यदि तय समय में रिवर्स नहीं किया गया तो ट्रांजेक्शन वाली तारीख और अगले 1 दिन के बाद देरी के लिए 100 रुपये हर रोज के हिसाब से मुआवजे का भुगतान करना होगा.
प्वाइंट ऑफ सेल मशीन पर ट्रांजेक्शन
अगर डेबिट कार्ड से प्वाइंट ऑफ सेल मशीन पर ट्रांजेक्शन नहीं हुआ यानी कस्टमर के अकाउंट से पैसा कट गया लेकिन दुकानदार के पीओएस लोकेशन पर चार्ज स्लिप जेनरेट नहीं हुई तो ट्रांजेक्शन को ट्रांजेक्शन वाली तारीख से लेकर अगले 5 दिनों में रिवर्स करना होगा. इससे चूकने पर बैंक को उस कस्टमर के अकाउंट में देरी के लिए हर रोज 100 के हिसाब से मुआवजा भरना होगा.
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IMPS ट्रांजेक्शन
अगर आप का IMPS ट्रांजेक्शन भी फेल हो जाता है और आपके अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं तो उसे बैंक को ट्रांजेक्शन की तारीख और अगले एक दिन में अमाउंट रिवर्स करना होगा, नहीं तो 100 रुपये हर रोज देरी के लिए मुआवजा देना होगा.
08:59 PM IST